स्कूल प्रिंसिपल संदेश

स्कूली शिक्षा का गुरुत्तर दायित्व भावी पीढ़ी के विचारों को प्रखर बनाने के साथ-साथ उनके व्यवहार एवं आचरण को उत्तरदायी बनाना है । सच्चे अर्थ में प्रदत्त शिक्षा से सभी समस्याओं और आशंकाओं का निराकरण संभव है, क्योंकि शिक्षा से साहस और आत्मविश्वास उत्पन्न होता है । विद्यालय ऐसा स्थान है जहाँ हमें आने वाली पीढ़ी में उचित मूल्यों और मानवतावादी दृष्टिकोण के भाव का संचार करने का सुअवसर प्राप्त होता है । विद्यालय की भूमिका, शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित न होकर अपने विद्यार्थियों में, अनवरत ज्ञानार्जन की प्रकृति, विकसित करने के साथ-साथ, निरन्तर परिवर्तनशील, वैश्विक परिद्रश्य में दृष्टिगत, महत्त्वपूर्ण चिन्तन को भी पल्ल्वित करना है ।

समाज में शिक्षक की भूमिका किसी भी अन्य व्यक्ति की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण एवं चुनौतीपूर्ण है । एक सच्चा शिक्षक समाज का पथप्रदर्शक होता है, जो अपने उद्धरणीय एवं अप्रतिम साहस से अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहता है और उसमें हमारे समाज को नयी दिशा प्रदान करने की अभियोग्यता होती है । उदात्त उद्देश्यों तथा वांछित फल प्राप्ति हेतु माता-पिता / अभिभावक की सक्रिय सहभागिता एवं सहयोग निरपवाद सह- अपेक्षित है जिससे कि हमारे विद्यार्थी वास्तविक अर्थ में वैश्विक नागरिक बन सकें।

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